जिनकी जन्म राशि मेष है उनके धनस्थान की राशि वृषभ है घुमती हुई पृथ्वीका जो भी बुद्धीवान अपने गृहस्थ जीवन मे धन प्राप्त करना चाहता है, उसने हमेशा अपने पर्स, केश बॉक्स तथा तिजोरी मे अपने धनस्थान की राशि वृषभ का ताम्बे,चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का रखना चाहिये तथा उसे प्रतिदिन अपनी राशि मेष का पवित्र इत्र लगाकर नमन करें।
जिस मेष राशि के जातक को मन लायक धन चाहिये उन्होंने अपने धन स्थान की राशि वृषभ की अंगुठी अथवा वृषभ राशि का लॉकेट धारण करना चाहिये। अपने घर में हमेशा राशिधाम की घड़ी रखे एवं वृषभ राशि को प्रतिदिन सुबह-शाम नमन करे| समय के परिवर्तन के साथ उन्हे धन मिलने लगेगा। खुद का अनुभव ही सच्चाई है।
वृषभ राशि का क्षेत्र ३० अंशो से ६० अंशो के मध्य आता है। वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के अंतिम तीन चरण, सम्पुर्ण रोहिणी नक्षत्र एवं मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण आते है।
कृत्तिका नक्षत्र के दुसरे चरण का स्वामी शनि है| इसलिये जिनका जन्म अश्विनी नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है उन्हें धन कृत्तिका नक्षत्र के दुसरे चरण में,शनि के सहयोग से मिलेगा यह ध्यान में रखे| शनि कर्मों के द्वारा धन देता है।
कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी भी शनि है|जिनका जन्म अश्विनी नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है,उन्हें धन कृत्तिका नक्षत्र के तिसरे चरण में शनि के सहयोग से मिलेगा| मतलब उन्हें अपने रोजगार, नौकरी, खेती आदी से मिलेगा।
कृत्तिका नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी गुरू है। इसलिये जिनका जन्म अश्विन नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है,उन्हें धन कृत्तिका नक्षत्र के चौथे चरण में गुरू के सहयोग से मिलेगा। गुरू बुजुर्गों की सेवा करने से मनलायक धन देगा।
रोहिणी नक्षत्र के पहले चरण का स्वामी मंगल है|इसलिये जिनका जन्म अश्विनी नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है उन्हे धन रोहिणी नक्षत्र के पहले चरण में मंगल के सहयोग से मिलेगा। मंगल भाई की इज्जत करवाना चाहता है,यह ध्यान रखें।
रोहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शुक्र है। इसलिये जिनका जन्म भरणी नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है उन्हे धन गेहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण में शुक्र के सहयोग से मिलेगा। शुक्र जीवनसाथी की इज्जत करवाना पसंद करता है,यह भूल न जाना।
रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी बुध है। इसलिये जिनका जन्म भरणी नक्षत्र के दुसरे चरण में हुआ है उन्हे धन रोहिणी नक्षत्र के तिसरे चरण में बुध के सहयोग से मिलेगा। बुध बहनों की इज्जत करबानेवाले प्राणी को पसंद करता है,यह अपनी बुद्धी में हमेशा रखना।
रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी चन्द्रमा है। इसलिये जिनका जन्म भरणी नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है,उन्हें धन रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण में,चन्द्रमा के सहयोग से मिलेगा। चन्द्रमा का नियंत्रण परिवार में माँ पर है तथा माँ २ होती है। पहली अपनी स्वयं की माँ तथा दूसरी जीवनसाथी की माँ| इसलिये धन की बढोतरी के लिये दोनो माँ का आदर प्रतिदिन करें|
मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण का स्वामी सुर्य है। इसलिये जिनका जन्म भरणी नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है,उन्हे धन मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण में सूर्य के सहयोग से मिलेगा। सूर्य का नियंत्रण परिवार में पिता पर है| पिता २ होते है। पहले स्वयं के पिता व दुसरे जीवनसाथी के पिता| इसलिये सूर्य से धन पाने के लिये पृथ्वी के बुद्धीवान प्राणी ने अपने दोनों पिता का आदर करना चाहिये एवं जानकारी अन्य बुद्धीवान प्राणी को देना चाहिये।
मृगशिरा नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी बुध है। इसलिये जिनका जन्म कृत्तिका नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है उन्हे धन मृगशिरा नक्षत्र के दुसरे चरण में बुध के सहयोग से मिलेगा। बुध का नियंत्रण परिवार में बहनों पर है। बहन दो होती है। पहली स्वयं की बहन एवं दुसरी जीवनसाथी की बहन। इसलिये घुमती हुई पृथ्वी का जो भी बुद्धीवान प्राणी बुध से धन लेना चाहता है, उसने अपने गृहस्थ जीवन में बहनों का अपमान नहीं करना चाहिये|
जो मेष राशि का बुद्धीवान प्राणी अपने गृहस्थ जीवन में मनपसंद धन चाहता है उसने मेष राशि के स्वामी मंगल के दिन मंगलवार को तथा वृषभ राशि के स्वामी शुक्र के दिन शुक्रवार को किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिये| जैसे तम्बाखू,बीड़ी,सिगरेट,शराब,भांग आदि। जो प्राणी किसी भी प्रकार का नशा करेगा वह प्राणी पृथ्वी पर अपने मानव जन्म में कर्जदार ही रहेगा। कर्जदारी से गरीबी श्रेष्ठ है यह जानकारी प्रत्येक बुद्धीवान प्राणी ने मेष राशि के जातक को देना चाहिये जिससे वह भी नशे आदी से दूर रहकर धनवान बन सके|
– सच्चाई के सेवा में
ज्योतिषसम्राट व्ही. तेलवाले
(राशिधाम)