ॐ जय यमुना माता,हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावेसुख दुःख की दाता॥
ॐ जय यमुना माता…॥
पावन श्रीयमुना जलशीतल अगम बहै धारा।
जो जन शरण में आयाकर दिया निस्तारा॥
ॐ जय यमुना माता…॥
जो जन प्रातः ही उठकरनित्य स्नान करे।
यम के त्रास न पावेजो नित्य ध्यान करे॥
ॐ जय यमुना माता…॥
कलिकाल में महिमातुम्हारी अटल रही।
तुम्हारा बड़ा महातमचारों वेद कही॥
ॐ जय यमुना माता…॥
आन तुम्हारे माताप्रभु अवतार लियो।
नित्य निर्मल जल पीकरकंस को मार दियो॥
ॐ जय यमुना माता…॥
नमो मात भय हरणीशुभ मन्गल करणी।
मन बेचैन भया हैतुम बिन वैतरणी॥
ॐ जय यमुना माता…॥
ॐ जय यमुना माता,हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावेसुख दुःख की दाता॥
ॐ जय यमुना माता…॥