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Vrushab Rashi aur Jyotish- Dusra Sthan ( Dhan Sthan)

वृषभ जातक के धन स्थान की राशि मिथुन है। मिथुन राशि की दिशा पश्चिम है। इसलिये वृषभ जातक को धन अपने जन्म स्थान से पश्चिम दिशा की ओर से मिलेगा| मिथुन राशि की निशानी,मनुष्य योनी में नर एवं मादा है इसलिये वृषभ जातक को धन नर एवं मादा से,दिन एवं रात से मिलेगा|धन मिलने का समय प्रतिदिन 2 से 3 का तथा बुधवार को 2 से 3 का विशेष रहता है।

     धन के बढ़ाने के लिये वृषभ जातक ने हमेशा अपने पर्स तथा केश बॉक्स में अपने धन स्थान की राशि मिथुन का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का रखकर उसे प्रतिदिन नहाने के बाद अपनी राशि वृषभ का पवित्र इत्र लगाकर सच्चे मन से नमन करे| मिथुन राशि की अमावस एवं मिथुन राशि की पुनम जो साल में एक बार आती है के शुभ दिन मिथुन राशि के पवित्र सिक्के का पूजन अपने परिवार के साथ करे।

     धन स्थान की राशि मिथुन मे मृगशिरा नक्षत्र के अंतिम 2 चरण, सम्पुर्ण आर्द्रा नक्षत्र एवं पुनर्वसु नक्षत्र के पहले तीन चरण आते है। अपना धन बढ़ाने के लिए वृषभ जातक ने अपने बड़े मामाजी, बड़ी मावसी, ताईजी तथा बड़े फूफाजी को राशिधाम की पवित्र घड़ी खरीदकर उपहार में देना चाहिए तथा अपने घर एवं कार्यालय में बकरे राशिधाम की घड़ी लगाकर उसे प्रतिदिन नमन करना चाहिये| इससे वृषभ जातक के यहा धीरे धीरे धन बढ़ने लगेगा| खुद का अनुभव ही सच्चाई है।

  •   मृगशिरा के  नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शुक्र है। जिस वृषभ राशि के जातक का जन्म कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है, उन्हे धन मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण में शुक्र के सहयोग से मिलेगा। इसलिये मन चाहा धन पाने के लिये वृषभ जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में, अपने जीवनसाथी का अपमान नहीं करना चाहिये तथा उनके जन्म दिन के समय उन्हें राशिधाम की घड़ी उपहार में देवे।
  •   मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी मंगल है। जिस वृषभ जातक का जन्म कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है उन्हे धन मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण में मंगल के सहयोग से मिलेगा| मंगल का नियंत्रण परिवार में भाई पर है। भाई दो होते है पहला भाई अपना स्वयं का तथा दूसरा जीवनसाथी का भाई| इसलिये वृषभ जातक ने अपना धन बढ़ाने के लिए अपने तथा जीवनसाथी के भाई के उनके जन्म दिन पर राशिधाम की घड़ी उपहार में देना चाहिए।
  • आर्द्रा नक्षत्र के पहले चरण का स्वामी शुक्र है। जिस वृषभ जातक का जन्म कृत्तिका नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है, उन्हें धन आर्द्रा नक्षत्र के पहले चरण में गुरू के सहयोग से मिलेगा। अपना धन बढ़ाने के लिए वृषभ जातक ने अपने तथा जीवनसाथी के परिवार के बुजुर्गों को तथा वहाँ के सामाजिक एवं धार्मिक स्थानों में अपने जन्म दिन के शुभ दिन, विवाह की वर्षगाँठ के शुभ दिन राशिधाम की घड़ी उपहार में देना चाहिए | इससे वृषभ जातक के पास पीढ़ी दर पीढ़ी धन की आवक बनी रहेगी ।
  • आर्द्रा नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शनि है। जिस वृषभ जातक का जन्म रोहिणी नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है, उन्हें धन आर्द्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में शनि के सहयोग से मिलेगा| अपना धन बढ़ाने के लिए वृषभ जातक ने अपने तथा जीवनसाथी के कर्मचारियों को अपने विवाह की वर्षगाँठ तथा जन्म दिन पर राशिधाम की घड़ी उपहार में देना चाहिए अपने कर्मों से धन आयेगा एवं बढ़ेगा|
  • आर्द्रा नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शनि है। जिस वृषभ जातक का जन्म रोहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है उन्हें धन आर्द्रा नक्षत्र के तीसरे चरण में शनि के सहयोग से मिलेगा| अपना धन बढ़ाने के लिए उन्होंने किसी भी अनजान बेकार मनुष्य को अपने यहाँ काम पर रखकर उसे कमाने लायक बनाना चाहिये| इससे वृषभ जातक का धन स्थायी रूप से बढ़ने लगेगा| खुद का अनुभव की सच्चाई है।
  • आर्द्रा नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी गुरू है। जिस वृषभ जातक का जन्म रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है उन्हे धन आर्द्रा नक्षत्र के चौथे चरण में गुरू के सहयोग से मिलेगा। उन्होंने अपने जन्म दिन, विवाह की वर्षगाँठ के समय अपने एवं जीवनसाथी के परिवार के बुजुर्गों तथा अपने एवं जीवनसाथी के क्षेत्र के सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्रों में राशिधाम की घड़ी खरीदकर उपहार में देना चाहिये। इससे वृषभ राशि का धन अच्छे कार्यों में लगेगा एवं धन की आवक पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहेगी।
  • पुनर्वसु नक्षत्र के पहले चरण का स्वामी मंगल है। इसलिये जिनका जन्म रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है,उन्हें धन पुनर्वसु नक्षत्र के पहले चरण में मंगल के सहयोग से मिलेगा|वृषभ जातक ने धन हे की बढ़ौतरी के लिये अपने एवं जीवनसाथी के भाई को राशिधाम की घड़ी उपहार में देना चाहिये। ध्यान रहे मंगल का नियंत्रण परिवार में भाई पर है तथा भाई दो होते है, पहले स्वयं के एवं दूसरेजीवनसाथी के भाई।
  • पुनर्वसु नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शुक्र है। इसलिये जिनका जन्म मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है उन्हे धन पुनर्वसु नक्षत्र के दूसरे चरण में शुक्र के सहयोग से मिलेगा वृषभ जातक ने धन की बढ़ौतरी के लिए अपने जीवनसाथी को उनकी राशि का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिए। ध्यान रहे शुक्र का नियंत्रण परिवार में जीवनसाथी पर है।
  • पुनर्वसु नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी बुध है। इसलिये जिनका जन्म मृगशिरा नक्षत्र के दुसरे चरण में हुआ है, उन्हें धन पुनर्वसु नक्षत्र के तीसरे चरण में बुध के सहयोग से मिलेगा। वृषभ जातक ने धन की बढ़ौतरी के लिए अपने बहन तथा जीवनसाथी की बहन को उनकी राशि का लॉकेट उपहार में देगा चाहिए। ध्यान रहे परिवार में बुध का नियंत्रण बहन पर है,तथा बहन दो होती है, पहले स्वयं की बहन एवं दूसरी जीवनसाथी की बहन।

 सच्चाई के सेवा में
ज्योतिषसम्राट व्ही. तेलवाल
(राशिधाम)

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