ज्योतिष ज्ञान की पगडंडी में जन्म पत्रिका के दूसरे भाव को जिसे दूसरा स्थान भी कहते है धन स्थान कहते है। इसे खानदान का स्थान, सन्तान के कर्मों का स्थान, परिवार से लाभ मिलने का स्थान, बड़े भाई, बड़ी बहन, पुत्र-बधू, जवाई राजा से सुख मिलने का स्थान भी कहते है | इस प्रकार जन्म पत्रिका में दूसरे स्थान के हजारों नाम है जो समय के परिवर्तन के साथ उपयोग में आते है।
सिंह जातक के धन स्थान की राशि कन्या आती है | इसलिये सिंह जातक को धन अपने जन्मस्थान से दक्षिण दिशा से, पृथ्वी तत्व की वस्तुओं के निर्माण से, उद्योग, व्यापार से,चन्द्रमा के शासन में , महिला पक्ष से विशेष मिलेगा ।
सिंह जातक ने अपना धन बढ़ाने के लिये हमेशा अपने पर्स, केंश बॉक्स तथा तिजोरी में अपने धनस्थान की राशि कन्या का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का रखकर उसे प्रतिदिन नहाने के बाद अपनी राशि सिंह की अगरबत्ती लगाकर सच्चे मन से नमन करना चाहिये |
कन्या राशि की अमावस एवं कन्या राशि की पूनम जो साल में एक एक बार आती है के शुभ दिन सिंह जातक ने अपने धनस्थान की राशि कन्या के पवित्र सिक्के का पूजन अपने परिवार के साथ करना चाहिये । अपना धन बढ़ाने के लिये सिंह जातक ने अपने बड़े मामाजी, बड़ी मावसी, ताईजी तथा बड़े फूफाजी को उनकी राशि का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये |
कन्या राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के अंतीम तीन चरण, सम्पूर्ण हस्त नक्षत्र एवं चित्रा नक्षत्र के पहले दो चरण आते है, जिनके स्वामी सूर्य, चन्द्रमा एवं मंगल है।
१) उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शनि है। जिस सिंह राशि के जातक का जन्म मघा नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है उन्हे धन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण में शनि के सहयोग से मिलेगा। शनि का नियंत्रण परिवार में कर्मचारियों पर है। कर्मचारी दो होते है। पहले अपने परिवार में काम करनेवाले कर्मचारी एवं दूसरे जीवनसाथी के परिवार में काम करनेवाले। ऐसे सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में मनमाफिक धन पाने के लिये अपने एवं जीवनसाथी के परिवार के कर्मचारियों को उनकी राशि का ताम्बे का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये ।
२) उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शनि है । जिस सिंह जातक का जन्म मघा नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है, उन्हे धन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण में शनि के सहयोग से मिलेगा | शनि का नियंत्रण प्राणी के कर्मों पर है। ऐसे सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में मनमाफिक धन पाने के लिये अपने एवं जीवनसाथी के परिवार के कर्मवादी सदस्यों को उनकी राशि का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये |
३) उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी गुरू है। जिस सिंह जातक का जन्म मघा नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है उन्हे धन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के चौथे चरण में गुरू के सहयोग से मिलेगा | गुरू का नियंत्रण परिवार में बुजुर्गों पर है । बुजुर्ग दो होते है। पहले अपने परिवार के बुजुर्ग एवं दूसरे जीवनसाथी के परिवार के बुजुर्ग । इसलिये ऐसे सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में मनमाफिक धन पाने के लिये है | अपने एवं जीवनसाथी के परिवार के सदस्यों को उनकी राशि का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये |
४) हस्त नक्षत्र के पहले चरण का स्वामी मंगल है । जिस सिंह जातक का जन्म मघा नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है उन्हे धन हस्त नक्षत्र के पहले चरण में मंगल के सहयोग से मिलेगा | मंगल का नियंत्रण परिवार में भाई पर है। भाई दो होते है। पहले अपने स्वयं के भाई तथा दूसरे जीवनसाथी के भाई। ऐसे सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में मनमाफिक धन पाने के लिये अपने एवं जीवनसाथी के भाई को उनकी राशि का ताम्बे, चांदी अथवा सोने का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये |
५) हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शुक्र है। जिस सिंह जातक का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है उन्हें धन हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण में शुक्र के सहयोग से मिलेगा । शुक्र का नियंत्रण परिवार में जीवनसाथी पर है| इसलिये सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में मनमाफिक धन पाने के लिये जीवनसाथी को उनकी राशि का सोने, चांदी अथवा ताम्बे का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये।
६) हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी बुध है। जिस सिंह जातक का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है, उन्हे धन हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण में बुध के सहयोग से मिलेगा । बुध का नियंत्रण परिवार में बहन पर है । बहन दो होती है । पहली अपनी स्वयं की बहन एवं दूसरी जीवनसाथी की बहन। सिंह जातक ने जिनका जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है अपने गृहस्थ जीवन में मनचाहा धन पाने के लिये अपनी तथा जीवनसाथी की बहन को उनकी राशि का सोने, चांदी अथवा ताम्बे का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये ।
७) हस्त नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी चन्द्रमा है। जिस सिंह जातक का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है, उन्हें धन हस्त नक्षत्र के चौथे चरण में चन्द्रमा के सहयोग से मिलेगा । परिवार में चन्द्रमा का नियंत्रण परिवार में माँ पर है। माँ दो होती है। पहली अपनी स्वयं की माँ तथा दूसरी जीवनसाथी की माँ | इसलिये ऐसे सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में में मनमाफिक धन पाने के लिये अपनी एवं जीवनसाथी की माँ को उनकी राशि का सोने, चांदी अथवा ताम्बे का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये।
८) चित्रा नक्षत्र के पहले चरण का स्वामी सूर्य है। जिस सिंह जातक का जन्म पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के चौथे चरण में हुआ है, उन्हें धन चित्रा नक्षत्र के पहले चरण में सूर्य के सहयोग से मिलेगा । सूर्य का नियंत्रण परिवार में पिता पर है। पिता दो होते है। पहले स्वयं के पिता एवं दूसरे जीवनसाथी के पिता | इसलिये सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में में मनमाफिक धन पाने के लिये अपने एवं जीवनसाथी के पिता को उनकी राशि का सोने, चांदी अथवा ताम्बे का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये।
९) चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी बुध है। जिस सिंह जातक का जन्म उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में हुआ है, उन्हें धन चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में बुध के सहयोग से मिलेगा । बुध का नियंत्रण परिवार में बहन पर है। बहन दो होती है । पहली अपनी स्वयं की बहन एवं दूसरी जीवनसाथी की बहन। | इसलिये ऐसे सिंह जातक ने अपने गृहस्थ जीवन में मनमाफिक धन पाने के लिये अपनी तथा जीवनसाथी की बहन को उनकी राशि का सोने , चांदी अथवा ताम्बे का पवित्र सिक्का उपहार में देना चाहिये।
– सच्चाई के सेवा में
ज्योतिषसम्राट व्ही. तेलवाले
(राशिधाम)