विजयकुमारजी अग्रवाल ने अपनी कल्पनाशक्ति से ‘राशिधाम’ को ऐसा स्वरूप दिया है कि यह एक पवित्र और आध्यात्मिक स्थल जैसा प्रतीत होता है। यहाँ किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला व्यक्ति आकर अपनी राशियों के दर्शन कर सकता है और भीतर से शांति व सुकून का अनुभव कर सकता है। ‘राशिधाम’ अब एक ऐसे समुद्र किनारे स्थित प्रकाशस्तंभ की तरह बन गया है, जो भटकते हुए जहाजों को सही मार्ग दिखाकर उनके गंतव्य तक पहुँचने में सहायता करता है।
नागपुर शहर ही नहीं, बल्कि पूरे देश में 1970-80 के दशक में एक नाम ने खूब चर्चा बटोरी थी, और वह नाम है ‘विजयकुमार तेलवाले’ का, जिनका मूल नाम है विजयकुमार टिबड़ेवाल। अग्रवाल समाज के प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्री विजयकुमार अग्रवाल (तेलवाले) अपने संघर्षपूर्ण जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना कर चुके हैं। आज वे एक कुशल ज्योतिष सम्राट के रूप में दूर-दूर तक ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। धरमपेठ, नागपुर में श्री विजयकुमार द्वारा स्थापित ‘राशिधाम’ एक आस्था और जीवन मार्गदर्शन का प्रमुख केंद्र बन गया है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा व्यक्ति जब ‘राशिधाम’ में प्रवेश करता है, तो श्री विजयकुमार और उनकी समर्पित टीम से ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव और उनके उपायों के बारे में सटीक मार्गदर्शन प्राप्त कर सुकून महसूस करता है। विजयकुमारजी ने अपनी दूरदर्शिता से ‘राशिधाम’ को इस तरह से आकार दिया है कि यह एक पवित्र और आध्यात्मिक स्थल के रूप में प्रतीत होता है, जहाँ किसी भी धर्म या आस्था का व्यक्ति आकर अपनी राशियों के माध्यम से समाधान पा सकता है और मानसिक शांति का अनुभव कर सकता है। ‘राशिधाम’ में वैदिक ज्योतिष, अंक ज्योतिष, टैरो रीडिंग, वास्तु, रेकी सहित अन्य आध्यात्मिक विधाओं द्वारा सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, जो जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन देती हैं।
राशिधाम की स्थापना के साथ ही ज्योतिष सम्राट विजयकुमार तेलवाले (अग्रवाल) ने अपने 60 वर्षों का ज्योतिष ज्ञान अध्ययन और मानव समाज की सेवा में समर्पित कर दिया है। उनके मार्गदर्शन में अनगिनत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ चुके हैं। विजयकुमार जी का उद्देश्य हमेशा दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाना रहा है। इसी भावना से प्रेरित होकर, वे हर दिन राशिधाम में करीब 200 बच्चों और बड़ों को विविध प्रकार का प्रसाद वितरित करते हैं, जो उनकी सेवा भावना और समर्पण का प्रतीक है। इसके अलावा, वे समाज के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर दान-पुण्य भी करते हैं।
विजयकुमार जी की ज्योतिष में रुचि बचपन से ही गहरी रही है। एक घटना का उल्लेख करते हुए वे बताते हैं कि एक दिन स्कूल से घर लौटते समय, उनके सिर के ऊपर से एक विमान गुजरा। इस घटना ने उनके मन में यह सवाल पैदा किया कि “मैं कब विमान में बैठूंगा?” इस प्रश्न के उत्तर की खोज में, उनकी नजर एक तोते वाले ज्योतिषी पर पड़ी, जो अपनी सटीक भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध थे। उत्सुकता से विजयकुमार जी ने अपना सवाल उनसे पूछा। ज्योतिषी ने तोते से एक पर्ची निकलवाई और उत्तर दिया। इस घटना ने विजयकुमार जी के मन में ज्योतिष शास्त्र को गहराई से समझने की इच्छा को और बढ़ा दिया।
इसके बाद उन्होंने ज्योतिष शास्त्र और विभिन्न ग्रंथों का अध्ययन शुरू किया और धीरे-धीरे कुंडली ज्ञान में महारथ हासिल कर ली। प्रारंभ में, परिवार, मित्र और समाज ने उनके प्रयासों का मजाक उड़ाया, लेकिन उन्होंने आलोचनाओं की परवाह किए बिना अपनी ज्योतिषीय शिक्षा जारी रखी और जल्द ही ज्योतिष के क्षेत्र में एक विशेष पहचान बना ली।
परिवार में संस्कारों की महत्वपूर्ण भूमिका
श्री विजय कुमारजी तेलवाले, जो एक प्रतिष्ठित ज्योतिषी हैं, का मानना है कि वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए केवल कुंडली मिलान ही पर्याप्त नहीं है। विचारों का मेल, संस्कारों का पालन और व्यवहार में सुधार भी आवश्यक हैं। आजकल कई परिवारों को विवाह के लिए योग्य वर मिलना कठिन हो गया है, विशेषकर बेटियों के लिए। कन्या पक्ष की अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं, और वर पक्ष का व्यवहार बहू के प्रति संस्कारों से विपरीत होता जा रहा है।
जब एक बेटी बहू बनकर ससुराल आती है, तो उसके माता-पिता का रोज़ाना फोन पर उसका हालचाल पूछना, उसकी ससुराल में समर्पण और मनोयोग को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में वह ससुराल के प्रति पूरी तरह से जुड़ नहीं पाती। वहीं, अगर बहू कम संपन्न परिवार से हो, तो ससुराल वाले उस पर मायके वालों को कुछ देने का संदेह करने लगते हैं। यह सोच और व्यवहार दोनों ही पारिवारिक संतुलन को बिगाड़ सकते हैं।
हमें अपने पारिवारिक जीवन में पारंपरिक मूल्यों और संस्कारों को फिर से स्थापित करने की आवश्यकता है। संस्कारों का संरक्षण ही परिवार और समाज को बचाने और उन्हें आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
श्री विजयबाबू की पत्नी, श्रीमती गिरिजादेवी अग्रवाल ने एक आदर्श गृहिणी के रूप में उनका साथ दिया और अपने बच्चों का उत्तम पालन-पोषण किया। उनके दोनों पुत्र, अजय एवं अमर अग्रवाल, प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और वित्तीय जगत में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अजय, अमर और उनकी पत्नियां, ज्योतिषी श्रीमती सिंपल अग्रवाल और टैरो एवं अंक ज्योतिषी श्रीमती रूपा अग्रवाल, श्री विजय कुमारजी के सामाजिक अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
परिवार मिलन सहयोगी विवाह प्रज्ञान
‘विवाह प्रज्ञान’ राशिधाम का एक महत्वपूर्ण उपक्रम है, जिसमें अग्रवाल और राजस्थानी परिवारों के विवाह योग्य युवक-युवतियों के बायोडाटा का संग्रहण और यह सेवा पूर्णत: निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। हर शनिवार को अभिभावकों के लिए केंद्र खुला रहता है, जहां विवाह योग्य बच्चों की जन्म कुंडली का मिलान करके ज्योतिषीय परामर्श दिया जाता है। इसके साथ ही, वैवाहिक जीवन में आने वाली किसी भी समस्या या तलाक की स्थिति में ज्योतिषीय समाधान प्रदान किया जाता है।
राशिधाम में श्री विजय कुमार तेलवाले की बहुएं, ज्योतिषी श्रीमती सिंपल अग्रवाल और टैरो व अंक ज्योतिषी श्रीमती रूपा अग्रवाल, सेवाएं देती हैं। इसके अतिरिक्त, श्रीमती मंगलादेवी लोहिया, श्री हनुमानदास अग्रवाल और श्री अरुण झुनझुनवाला भी ‘विवाह प्रज्ञान’ केंद्र में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
‘राशिधाम’ गजानन महाराज मंदिर के पास, झंडा चौक, धरमपेठ, नागपुर में स्थित है। मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए मोबाइल नंबर 77760 72277 पर संपर्क कर सकते हैं।