जय जानकीनाथा,जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं,प्रभु! सुनिये बाता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
तुम रघुनाथ हमारेप्रान, पिता माता।
तुम ही सज्जन-सङ्गीभक्ति मुक्ति दाता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
लख चौरासी काटोमेटो यम त्रासा।
निसिदिन प्रभु मोहि रखियेअपने ही पासा॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
राम भरत लछिमनसँग शत्रुहन भैया।
जगमग ज्योति विराजै,शोभा अति लहिया॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
हनुमत नाद बजावत,नेवर झमकाता।
स्वर्णथाल कर आरतीकौशल्या माता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
सुभग मुकुट सिर, धनु सरकर सोभा भारी।
मनीराम दर्शन करिपल-पल बलिहारी॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
जय जानकीनाथा,जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं,प्रभु! सुनिये बाता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥