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Sharda Ji Ki Aarti ॥ श्री शारदा माता जी की आरती ॥

भुवन विराजी शारदामहिमा अपरम्पार। भक्तों के कल्याण कोधरो मात अवतार॥ मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ। x3 नित गाऊँ मैयानित […]

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Shakambhari Ji Ki Aarti ॥ श्री शाकम्भरी माता जी की आरती ॥

हरि ॐ श्री शाकम्भर अम्बा जी कीआरती कीजो। ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,शताक्षी दयालु की आरती कीजो। तुम परिपूर्ण

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Narmada Ji Ki Aarti ॥ श्री नर्मदा माता जी की आरती ॥

ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा,शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॐ जय जगदानन्दी…॥ देवी नारद शारद

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Bagalamukhi Ji Ki Aarti ॥ श्री बगलामुखी माता जी की आरती ॥

जय जय श्री बगलामुखी माता,आरति करहुँ तुम्हारी। x2 पीत वसन तन पर तव सोहै,कुण्डल की छबि न्यारी॥ कर-कमलों में मुद्गर धारै,अस्तुति

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Annapurna Ji Ki Aarti ॥ श्री अन्नपूर्णा माता जी की आरती ॥

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम। जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम। अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारे,लेते होत सब काम॥ प्रलय

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Mahakali Mata Ki Aarti ॥ श्री महाकाली माता जी की आरती ॥

‘मंगल’ की सेवा, सुन मेरी देवाहाथ जोड़, तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी, ध्वजा, नारियल,ले ज्वाला तेरी भेंट धरे॥ मंगल की

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Devi Radhika Aarti ॥ देवी राधिका आरती ॥

आरति श्रीवृषभानुलली की।सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ भयभन्जिनि भव-सागर-तारिणि,पाप-ताप-कलि-कल्मष-हारिणि, दिव्यधाम गोलोक-विहारिणि,जनपालिनि जगजननि भली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ अखिल विश्व-आनन्द-विधायिनि,मंगलमयी

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Devi Radhika Aarti ॥ देवी राधिका आरती ॥

आरति श्रीवृषभानुलली की।सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ भयभन्जिनि भव-सागर-तारिणि,पाप-ताप-कलि-कल्मष-हारिणि, दिव्यधाम गोलोक-विहारिणि,जनपालिनि जगजननि भली की॥ आरति श्रीवृषभानुलली की। सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥ अखिल विश्व-आनन्द-विधायिनि,मंगलमयी

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