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Author name: payal office

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Shri Ramachandra Aarti ॥ आरती श्री रामचन्द्रजी ॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन…॥

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Shri Yashodalala Aarti ॥ श्री यशोदालाल आरती ॥

आरति करत यसोदा प्रमुदित,फूली अङ्ग न मात। बल-बल कहि दुलरावतआनन्द मगन भई पुलकात॥ सुबरन-थार रत्न-दीपावलिचित्रित घृत-भीनी बात। कल सिन्दूर दूब

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Shri Krishna Kanhaiya Aarti ॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की ॥

मथुरा कारागृह अवतारी,गोकुल जसुदा गोद विहारी। नन्दलाल नटवर गिरधारी,वासुदेव हलधर भैया की॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की। मोर मुकुट पीताम्बर छाजै,कटि

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Lord Natavara Aarti ॥ भगवान नटवर आरती ॥

नन्द-सुवन जसुमतिके लाला,गोधन गोपी प्रिय गोपाला। देवप्रिय असुरनके काला,मोहन विश्वविमोहन वर की॥ आरती कीजै श्रीनटवर जी की। गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥

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Shri Banke Bihari Ki Aarti ॥ श्री बाँकेबिहारी की आरती ॥

श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ। कुन्जबिहारी तेरी आरती गाऊँ। श्री श्यामसुन्दर तेरी आरती गाऊँ। श्री बाँकेबिहारी तेरी आरती गाऊँ॥ मोर

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Kunj Bihariji Ki Aarti ॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली,राधिका चमक

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