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Author name: payal office

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Shri Lakshminarayana Aarti ॥ श्री लक्ष्मीनारायण आरती ॥

जय लक्ष्मी-विष्णो।जय लक्ष्मीनारायण, जय लक्ष्मी-विष्णो।जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥ जय लक्ष्मी-विष्णो। जय चम्पा सम-वर्णेजय नीरदकान्ते। जय मन्द

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Lord Kailasavasi Aarti ॥ भगवान कैलासवासी आरती ॥

शीश गंग अर्धन्ग पार्वतीसदा विराजत कैलासी। नन्दी भृन्गी नृत्य करत हैं,धरत ध्यान सुर सुखरासी॥ शीतल मन्द सुगन्ध पवन बहबैठे हैं

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Lord Shankara Aarti ॥ भगवान शंकर आरती ॥

जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥ जयति जयति जग-निवास,शंकर सुखकारी॥ जयति जयति जग-निवास…॥ अजर अमर अज अरूप,सत चित आनन्दरूप। व्यापक ब्रह्मस्वरूप,भव! भव-भय-हारी॥

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Aarti Shri Shiva Shankarji Ki ॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥

हर हर हर महादेव! सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी। अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥ हर हर हर महादेव! आदि, अनन्त,

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Shri Rama Raghupati Aarti ॥ श्री राम रघुपति आरती ॥

बन्दौं रघुपति करुना निधान। जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥ रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस। सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥ निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग। लावन्यबपुष अगनित अनन्ग॥ अति

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Shri Janakinatha Aarti ॥ श्री जानकीनाथ आरती ॥

जय जानकीनाथा,जय श्रीरघुनाथा। दोउ कर जोरें बिनवौं,प्रभु! सुनिये बाता॥ जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥ तुम रघुनाथ हमारेप्रान, पिता माता। तुम ही

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