Shri Kubera Chalisa
॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय,और जैसे अडिग सुमेर। ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै,अविचल खड़े कुबेर॥ विघ्न हरण मंगल करण,सुनो […]
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॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय,और जैसे अडिग सुमेर। ऐसे ही स्वर्ग द्वार पै,अविचल खड़े कुबेर॥ विघ्न हरण मंगल करण,सुनो […]
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॥ दोहा ॥ बन्दहुँ वीणा वादिनी,धरि गणपति को ध्यान। महाशक्ति राधा सहित,कृष्ण करौ कल्याण॥ सुमिरन करि सब देवगण,गुरु पितु बारम्बार।
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॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरण सरोज छवि,निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा,गहि आशिष त्रिपुरारि॥ बुद्धिहीन जन जानिये,अवगुणों का
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॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर,मन वचन कर्म संभारि। मोर मनोरथ पूर्ण कर,विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥ चौपाई ॥ विश्वकर्मा तव
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॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम बुध,जय
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॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन,मंगल करन कृपालु। करहु दया जि दास पे,निशिदिन दीनदयालु॥ ॥ चौपाई ॥ जय डमरूधर
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॥ दोहा ॥ विश्वनाथ को सुमिर मन,धर गणेश का ध्यान। भैरव चालीसा रचूं,कृपा करहु भगवान॥ बटुकनाथ भैरव भजू,श्री काली के
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