Mesh Rashi aur Jyotish – Pehala Sthan ( Lagn Sthan)
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॥ श्री साईं चालीसा ॥ पहले साई के चरणों में,अपना शीश नमाऊं मैं। कैसे शिरडी साई आए,सारा हाल सुनाऊं मैं॥
॥ दोहा ॥ बन्दउ माँ शाकम्भरी,चरणगुरू का धरकर ध्यान। शाकम्भरी माँ चालीसा का,करे प्रख्यान॥ आनन्दमयी जगदम्बिका,अनन्त रूप भण्डार। माँ शाकम्भरी
Shri Shakambhari Chalisa Read Post »
॥ दोहा ॥ मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज। माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय
Shri Sharda Chalisa Read Post »
॥ दोहा ॥ देवि पूजिता नर्मदा,महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान।
Shri Narmada Chalisa Read Post »
॥ दोहा ॥ विश्वेश्वर-पदपदम की,रज-निज शीश-लगाय। अन्नपूर्णे! तव सुयश,बरनौं कवि-मतिलाय॥ ॥ चौपाई ॥ नित्य आनन्द करिणी माता।वर-अरु अभय भाव प्रख्याता॥
Shri Annapurna Chalisa Read Post »
॥ दोहा ॥ जय गिरी तनये दक्षजे,शम्भु प्रिये गुणखानि। गणपति जननी पार्वती,अम्बे! शक्ति! भवानि॥ ॥ चौपाई ॥ ब्रह्मा भेद न
Shri Parvati Chalisa Read Post »